हरियाणा के एक सिविल सेवा अधिकारी कुलभूषण बंसल को एक दलित संविदा कर्मचारी के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद उनको कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनको एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. पुलिस की एक टीम इस मामले की जांच कर रही है.
हिसार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार मोहन ने बताया कि हरियाणा के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में तैनात एक दलित कर्मचारी ने सिविल सेवा अधिकारी कुलभूषण बंसल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उसमें उन पर जातिवादी टिप्पणी और 6 महीने तक यौन शोषण करने का आरोप लगा है.
इस शिकायत के आधार पर कुलभूषण बंसल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध) और 506 (आपराधिक धमकी) और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. ये घटना छह महीने पहले हुई थी.
आरोपी कुलभूषण बंसल हांसी के उपमंडल मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम के पद पर कार्यरत थे, जिनको इस शिकायत के बाद गुरुवार को निलंबित कर दिया गया. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि एसडीएम ने उसे संविदा पर चपरासी के पद पर रखा था. वो उनके बुलावे पर उनके घर जाया करता था.
पीड़ित के मुताबिक, "वो मुझे अपने सरकारी आवास पर मालिश के लिए बुलाता था. वहां मेरे साथ गलत काम करने की कोशिश करता था. मेरे द्वारा इनकार किए जाने के बाद उसने बंदूक की नोक पर मेरा यौन शोषण किया. मुझे नौकरी से निकालने की धमकी देता था. यह सिलसिला छह महीने तक चला.''
इससे परेशान होकर पीड़ित ने आरोपी के इस कृत्य का वीडियो बना लिया. इसके बाद उसने फैसला कर लिया कि उसे भले अपनी जान देनी पड़ जाए, लेकिन वो उसके पास नहीं जाएगा. इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद पीड़िता ने आरोपी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कराया.
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